सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा में विश्व विजय दिवस मनाया गया
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सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा में विश्व विजय दिवस मनाया गया
नलखेड़ा- स्थानीय सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा में विश्व विजय दिवस महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी. एल. रावल की अध्यक्षता एवं श्री नरेन्द्र सिंह चौहान महाविद्यालय विद्यार्थी प्रमुख के मुख्य आतिथ्य में मां सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर माल्यार्पण कर मनाया गया फिर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. सुखदेव बैरागी ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह दिवस मुख्यतः स्वामी विवेकानंद द्वारा 11 सितंबर 1893 को शिकागो में विश्व धर्म महासभा में दिए गए ऐतिहासिक भाषण की स्मृति में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद जी का शिकागो की धर्म संसद में दिया गया भाषण धर्म, देश, विचारधारा और राजनीति की सीमाओं से परे था, क्योंकि यह सभी के लिए सार्वभौमिक था। हालांकि, यह केवल स्वामी विवेकानंद के जादुई शब्द नहीं थे; यह चरित्र, निस्वार्थ परिव्राजक जीवन और तपस्या के वर्ष थे जिन्होंने भारत के प्रति विश्व के दृष्टिकोण को परिवर्तित कर दिया।
डॉ. बैरागी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अपने इस भाषण की शुरुआत “मेरे अमेरिकी भाइयों और बहनों” से की, जिसने वहाँ उपस्थित जनसमूह का दिल जीत लिया। उनके विचारों और संदेश ने विश्वभर में भारतीयता और हिंदुत्व के प्रति नई जागरूकता फैलाई। अमेरिका में मेरे भाइयों और बहनों मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे देश से हूं, जिसने इस धरती के सभी देशों और धर्मों के सताए लोगों को शरण में रखा है। साथ ही उन्होंने कहा कि ”मुझे इस बात का गर्व है कि मैं ऐसे धर्म से हूं जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया और हम सभी धर्मों को स्वीकार करते हैं। जिस तरह अलग-अलग जगहों से निकली नदियां, अलग रास्तों से होकर समुद्र में मिलती हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य भी अपनी इच्छा से अलग रास्ते चुनता है। ये रास्ते दिखने में भले ही अलग-अलग लगते हैं लेकिन ये सभी ईश्वर तक ही जाते हैं।” कार्यक्रम के अगली वक्ता डॉ. निधि सिंह ने कहा कि विश्व विजय दिवस का मुख्य उद्देश्य स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और विचारों को समाज में फैलाना और उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज के विकास में योगदान देना है। यह दिन भारतीय संस्कृति, योग, ध्यान और विश्व शांति के विचारों का प्रसार करने के लिए मनाया जाता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नरेंद्र सिंह चोहान ने कहा कि यह दिन भारत के स्वर्णिम इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विश्व विजय दिवस का नाता स्वामी विवेकानंद से है। यह दिवस स्वामी विवेकानंद की विश्वविजयी यात्रा और उनके अद्वितीय योगदान की स्मृति में मनाया जाता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. जितेंद्र चावरे द्वारा किया गया एवं आभार डॉ.बलवंत सिंह दांगी द्वारा माना गया इस अवसर पर महाविद्यालय स्टाफ एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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