अशासकीय व निजी नलकूप खनन करना प्रतिबंधित
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आगर-मालवा जिला जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित
जिला दण्डाधिकारी श्री सिंह द्वारा आदेश जारी
आगर-मालव- कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री राघवेन्द्र सिंह ने घटते जल स्तर को दृष्टिगत रखते हुए आगामी ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की उपलब्धता को बनाए रखने के मद्देनजर आगर-मालवा जिले को मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधन अधिनियम 2002 की धारा-3 तथा संशोधन 03 फरवरी 2023 के तहत् जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है।
जारी आदेशानुसार सम्पूर्ण जिले में 15 मार्च से 31 जुलाई 2024 तक अशासकीय व निजी नलकूप खनन प्रतिबंधित रहेगा। जिले की सीमा क्षेत्र की सीमा में नलकूप/बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सड़कों से गुजरने वाली मशीनों को छोडकर) और न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन करेंगी। प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीनों जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन बोरिंग का प्रयास करेगी को जप्त कर पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार होगा।समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अपने क्षेत्रान्तर्गत इस निमित्त अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जांच के पश्चात अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत होंगे। आदेश का उल्लंघन करने पर प्रथम अपराध के लिए पांच हजार रूपये का जुर्माना और पश्चातवर्ती प्रत्येक अपराध के लिए 10 हजार रूपये या अधिकतम दो वर्ष के करावास से दण्डित किया जा सकेगा। उक्त आदेश शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नहीं होगा, तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य योजनान्तर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा,। नवीन खनित निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजी जल स्त्रोतों का आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा-4 के अन्तर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा। आदेश 31 जुलाई 2024 तक प्रभावशील रहेगा।
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