नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 7723830551 , +91 8435741489 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , यज्ञ पूर्णाहुति के साथ श्रीमद् भागवत कथा संपन्न, भंडारे का किया आयोजन – राष्ट्र धर्म लाइव

यज्ञ पूर्णाहुति के साथ श्रीमद् भागवत कथा संपन्न, भंडारे का किया आयोजन

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

 

यज्ञ में आहुति देकर की क्षेत्र की खुशहाली की कामना

 

नलखेड़ा- तहसील क्षेत्र के ग्राम पढ़ाना एवं धंदेड़ा के मध्य स्तिथ श्री देवनारायण मंदिर में स्वर्गीय धर्मेंद्र राठौर की पुण्य स्मृति में गोविंद राठौर द्वारा श्री हरी हरात्मक पंच कुण्डात्मक महायज्ञ का पूर्णाहुति के साथ प्रांगण मे चल रही सात दिनी संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का समापन हो गया। कथा के समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।

 

यज्ञ से खुलते हैं सद्गुणों के द्वार

 

श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन भागवत कथा प्रवक्ता बाल विदुषी संत श्री अलख नंदा जी दीदी ने सभी से भक्ति मार्ग से जुड़ने व सत्कर्म करने को कहा। उन्होंने कहा कि हवन यज्ञ से वातावरण व वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं।

 

कथा को सुनने मात्र से पाप पुण्य में बदल जाते हैं

दीदी श्री ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से व्यक्ति भवसागर को पार कर जाता है। श्रीमद् भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान व वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप, पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है

 

सुदामा चरित्र का किया वर्णन

 

कथा के अंतिम दिवस में अलखनंदा दीदी ने सुदामा चरित्र का वर्णन किया। कथा ने कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। सुदामा प्रसंग का वर्णन सुनाने हुए कहा भगवान कृष्ण ने अपने पुराने सखा जो दीन हीन हाल में थे। उनके चरण पखार कर चावल का रसास्वादन किया। तीन मुट्ठी चावल के बदले तीन लोकों का राज्य देने का मन बना लिया था। मित्रता में एक दूसरे का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें कोई छोटा बड़ा नहीं होता। सत्ता पाकर व्यक्ति को घमंड नहीं करना चाहिए। उसे श्रीकृष्ण जैसा विनम्रता व उदारता का आचरण अपनाना चाहिए। जो इंसान श्रीकृष्ण के जैसा आचरण अपना लेता है। वह संसार के मोह माया से पूरी तरह त्याग कर देता है।

 

प्राचीन एवं चमत्कारी मंदिर है देवझरी का मंदिर

 

कथा के अंत में मंदिर के विषय में बताया गया की देव झरी देवनारायण जी का यह मंदिर अति प्राचीन एवं चमत्कारी है यहा प्रत्येक शनिवार को साइटीका, पथरी, चर्म रोग जैसी कई गंभीर बीमारियों का इलाज श्री भुणा जी की कृपा से होता है|

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031